बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री और न्याय एवं विकास पार्टी के दिग्गज नेता लालू प्रसाद यादव की पत्नी राबड़ी देवी की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं। जमीन के बदले नौकरी देने के मामले में आज यानी सोमवार को सीबीआई की टीम रापरी देवी के घर पहुंची है। सीबीआई अधिकारियों ने राबड़ी से की पूछताछ मौके पर तेज प्रताप यादव भी हैं। बताया जाता है कि राबड़ी के घर वकीलों की एक टीम भी पहुंची थी।
सीबीआई का आरोप है कि लालू यादव के रेलमंत्री रहते हुए बड़े पैमाने पर रेलवे में नौकरी देने में गड़बड़ियां की गई थीं। आरोप पत्र के मुताबिक लालू ने बिना विज्ञापन के ग्रुप डी में 12 लोगों को नौकरी दी। इसके बदले आवेदकों की जमीन लिखवाई।जमीन का कुल रकबा करीब 1,05,292 वर्गफुट है। सूत्रों के मुताबिक लालू प्रसाद यादव के रेलमंत्री रहने के दौरान आवेदकों को पहले अस्थाई नौकरी दी जाती थी। इस दौरान जब जमीन का सौदा पक्का हो जाता था तब नौकरी को स्थाई कर दिया जाता था।
इन लोगों को बांटी गई नौकरियां
सीबीआई की ओर से दर्ज एफआईआर में रेलवे में जमीन के बदले नौकरी पाने वालों के नाम लिखे हैं। उनके नाम हैं, राजकुमार, धर्मेंद्र राय, रवींद्र राय, अभिषेक कुमार, दिलचंद कुमार, मिथिलेश कुमार, अजय कुमार, संजय राय, प्रेमचंद कुमार, लालचंद कुमार, ह्रदयानंद चौधरी और पिंटू कुमार। आरोप है कि इन आवेदकोंके सदस्यों के नाम से लालू की पत्नी राबड़ी, बेटी मीसा, हेमा यादव के नाम पर जमीन का मालिकाना हक ट्रांसफर कराया गया और साथ में लाखों में रकम भी दी गई।
14 लोगों के खिलाफ आरोपपत्र
अक्टूबर 2022 में, सीबीआई ने रेलवे में नौकरी के लिए जमीन घोटाले के संबंध में लालू प्रसाद, उनकी पत्नी राबड़ी देवी और 14 अन्य लोगों के खिलाफ चार्जशीट दायर की। उस दौरान सीबीआई ने इस मामले में छापेमारी भी की थी। रेलवे में नौकरी के बदले जमीन घोटाले को लेकर सीबीआई ने 23 सितंबर, 2021 को प्रारंभिक जांच दर्ज की थी, जिसे बाद में 18 मई, 2022 को प्राथमिकी में बदल दिया गया।
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