गुजरात के गांधीनगर सेशन कोर्ट ने सूरत की एक महिला से रेप के मामले में आसाराम को दोषी करार दिया है। कोर्ट सजा का ऐलान मंगलवार को करेगा। इससे पहले जोधपुर कोर्ट ने 25 अप्रैल, 2018 को आसाराम को यूपी की एक नाबालिग से रेप के एक अलग मामले में उम्रकैद की सजा सुनाई थी। सोमवार को कोर्ट में आसाराम की पेशी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए हुई।

करीब 10 साल पहले आसाराम पर सूरत की एक महिला ने अहमदाबाद के मोटेरा स्थित उनके आश्रम में बार-बार दुष्कर्म करने का आरोप लगाया था। इस केस में आसाराम की पत्नी समेत छह अन्य आरोपी थे। कोर्ट ने आसाराम को दोषी माना। आरोपियों में से एक की सुनवाई के दौरान मौत हो गई। कोर्ट ने बाकी पांच आरोपियों को सबूतों के अभाव में बरी कर दिया।
पुलिस ने इस मामले में जुलाई 2014 में चार्जशीट दायर की थी। केस के अनुसार आसाराम ने 2001 से 2006 के बीच पीड़ित महिला से कई बार दुष्कर्म किया था। महिला तब आसाराम के आश्रम में रह रही थी।
दो बहनों में से छोटी ने आसाराम के बेटे नारायण साईं और बड़ी बहन ने आसाराम के खिलाफ रेप की शिकायत दर्ज कराई थी। बड़ी बहन की शिकायत गांधीनगर ट्रांसफर होने के कारण आसाराम पर गांधीनगर में मुकदमा चला, जिसमें सोमवार को कोर्ट ने आसाराम को दोषी करार दिया है।
विशेष लोक अभियोजक आरसी कोडेकर व लोक अभियोजक सुनील पंड्या ने कहा कि हम अदालत में प्रयास करेंगे कि इस मामले के दोषियों को अधिकतम सजा मिले।
पीड़ित महिला की शिकायत में कहा गया था कि आसाराम ने उसे गुरुपूर्णिमा आने पर स्पीकर के रूप में चुने जाने के लिए कहा था और बाद में स्पीकर के रूप में चुना। इसके बाद आसाराम के फार्म हाउस शांतिवाटिका में बुलाया गया। आश्रम का ही एक अन्य व्यक्ति उसे आसाराम के फार्म हाउस ले गया। वहां आसाराम ने हाथ-पैर धोकर उसे कमरे के अंदर बुलाया और बाद में एक कटोरी घी मंगवाकर उसके सिर की मालिश की।
मालिश करने के दौरान आसाराम ने पीड़ित महिला के साथ जबरदस्ती शुरू कर दी। आसाराम ने कहा जितना जल्द समर्पण करोगी उतना आगे बढ़ोगी। जिस पर महिला ने वहां से भागने की कोशिश की। दुष्कर्म करने के बाद उसने अननेचुरल सेक्स भी किया। इसके बाद धमकी देकर वहां से चले जाने को कहा।
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