लड़की की मां, अनिता ऑग्सटीन, ने Ernst & Young India के चेयरमैन राजीव मेमानी को एक पत्र लिखा है। उन्होंने कहा कि उनकी 26 साल की बेटी को ऑफिस में इतना काम दिया जाता था कि इससे उसकी सेहत बिगड़ गई। कंपनी में शामिल होने के 4 महीने बाद ही उसकी मौत हो गई।
चमचमाते ऑफिस का काम का बोझ कई बार जानलेवा हो सकता है। ऐसा ही कुछ यूके की प्रोफेशनल सर्विस कंपनी Ernst & Young (EY) में काम करने वाली एक लड़की के साथ हुआ, जिसकी मौत टॉक्सिक वर्क कल्चर और वर्कलोड के कारण हुई।
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लेटर में दिखा मां का दर्द
अनिता ऑग्सटीन ने EY इंडिया के चेयरमैन को पत्र लिखकर बताया कि उनकी 26 वर्षीय बेटी को काम के बोझ से स्वास्थ्य समस्याएं हुईं, जिससे उसकी मौत हुई। अंतिम संस्कार में कोई नहीं आया।
मेरा दिल भारी है, लेकिन मुझे लगता है कि हमारी कहानी साझा करना ज़रूरी है ताकि कोई और परिवार इस दर्द को न सहें। एना एक उत्कृष्ट छात्रा थी, जिसने कठिन CA परीक्षा डिस्टिंक्शन के साथ पास की। EY उसकी पहली नौकरी थी, और वह वहां खुश थी। लेकिन 20 जुलाई, 2024 को उसकी मौत की खबर ने मेरी दुनिया को उजाड़ दिया। वह सिर्फ 26 साल की थी।
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लड़की की मौत पर क्या बोलीं कंपनी
Ernst & Young (EY) ने 26 वर्षीय कर्मचारी एना सेबेस्टियन के निधन पर दुख जताया, जो कथित तौर पर काम के अत्यधिक दबाव के कारण हुआ। यह खबर सोशल मीडिया पर वायरल हो गई है, जिससे काम के तनाव पर फिर से चर्चा शुरू हो गई है।
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