महाराष्ट्र के पूर्व मंत्री और एनसीपी नेता अनिल देशमुख को बुधवार को मुंबई की आर्थर रोड जेल से रिहा किए जाने की संभावना है, उच्च न्यायालय ने उनकी जमानत पर रोक लगाने की सीबीआई की याचिका खारिज कर दी थी। सीबीआई ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाने की अपनी याचिका में हाई कोर्ट से एनसीपी नेता अनिल देशमुख की जमानत याचिका पर आदेश पर रोक लगाने की अपील की थी। इससे पहले सीबीआई ने दो स्थगन आदेश मांगे थे।
एनसीपी नेता अनिल देशमुख को बॉम्बे हाईकोर्ट ने 12 दिसंबर को 1 लाख रुपये के मुचलके पर जमानत दी थी। लेकिन सीबीआई ने जमानत पर रोक के आदेश को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देने के लिए अर्जी दाखिल की। उच्च न्यायालय ने पिछले सप्ताह सीबीआई के अनुरोध पर जमानत आदेश पर रोक को 27 दिसंबर तक के लिए बढ़ा दिया था। हालांकि, मंगलवार को बॉम्बे हाई कोर्ट ने इसके तीन दिन के और विस्तार को मंजूरी दे दी थी। सीबीआई ने एक्सटेंशन को खारिज कर दिया। कोर्ट में याचिका दायर कर अनिल देशमुख की जमानत बढ़ाने की मांग की गई थी। कोर्ट ने उनकी जमानत बरकरार रखते हुए 100 करोड़ रुपये की वसूली के मामले में उनके जेल से बाहर आने का रास्ता साफ कर दिया।
अनिल देशमुख नवंबर 2021 से जेल में हैं। उन्हें ईडी ने कथित मनी लॉन्ड्रिंग मामले में गिरफ्तार किया था। सीबीआई ने उन्हें इसी साल अप्रैल में भ्रष्टाचार के एक मामले में गिरफ्तार किया था। उन्होंने अपने ऊपर लगे आरोपों का खंडन किया था। वह फिलहाल मुंबई की आर्थर रोड जेल में न्यायिक हिरासत में है। ईडी मामले में हाईकोर्ट ने 10 अक्टूबर को उन्हें जमानत दे दी थी।
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