December 20, 2024

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सीबीआई ने एनएचएआई के रिश्वत मामले में 2 अधिकारियों को किया गिरफ्तार

सीबीआई ने एनएचएआई के संबंध में रिश्वत मामले में 2 और अधिकारियों को गिरफ्तार किया है. इन दोनों आरोपियों का कार्यक्षेत्र एनएचएआई में प्रोजेक्ट डायरेक्टर के पद पर है. इन गिरफ्तारियों को भोपाल, विदिशा और नागपुर से पकड़ा गया है. रेड के दौरान आरोपियों के ठिकानों पर 2 करोड़ रुपये कैश, ज्वेलरी, और कुछ गोपनीय दस्तावेज बरामद किए गए हैं.

इस मामले में सीबीआई ने अब तक 8 गिरफ्तारियां की हैं

सीबीआई ने रिश्वतखोरी के मामले में भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) के दो अधिकारियों को गिरफ्तार किया है. इन दोनों अधिकारियों का कार्यक्षेत्र प्रोजेक्ट डायरेक्टर के पद पर है. इस मामले से जुड़ी अब तक 8 गिरफ्तारियां हो चुकी हैं. सोमवार को भोपाल और विदिशा में कार्यरत डिप्टी जेनरल मैनेजर और प्रोजेक्ट डायरेक्टर को घूस लेने के मामलों में गिरफ्तार किया गया है.

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सीबीआई ने सोमवार को एनएचएआई के दो अधिकारियों को घूस लेने के मामले में गिरफ्तार कर लिया. इस गिरफ्तारी के तहत, मध्य प्रदेश में डिप्टी जेनरल मैनेजर राजेंद्र कुमार गुप्ता और विदिशा में प्रोजेक्ट डायरेक्टर हेमंत कुमार शामिल हैं. यह गिरफ्तारी 3 मार्च को हुई थी, जिसमें कुल 6 लोग शामिल थे. कल, सीबीआई ने नागपुर में तैनात जेनरल मैनेजर और प्रोजेक्ट डायरेक्टर अरविंद काले समेत 6 लोगों को गिरफ्तार किया था. भोपाल और नागपुर सहित, सीबीआई ने 5 स्थानों पर रेड की थी. इन अधिकारियों को 20 लाख रुपए की घूस लेने का आरोप था.

2 करोड़ से ज़्यादा की हुई रिकवरी

वास्तविकता में, सीबीआई ने भोपाल की एक निजी कंपनी के चार लोक सेवकों, दो निदेशकों, और कर्मचारियों सहित पांच लोगों और अज्ञात अन्य व्यक्तियों के खिलाफ मामला दर्ज किया है. आरोप है कि इस निजी कंपनी के निदेशक ने एनएचएआई की सड़क परियोजनाओं में प्रमाण पत्र जारी करने, बिलों की प्रोसेसिंग, कार्यों की प्रगति आदि के बदले में एनएचएआई के कर्मचारियों को रिश्वत दी जा रही है. यह आरोप भी है कि कंपनी का एक कर्मचारी लंबित मामलों को निपटाने के लिए रिश्वत देने के बदले में प्रोजेक्ट आउटर रिंग के लिए जीएम और पीडी, एनएचएआई, पीआईयू, नागपुर से संपर्क में है.

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जानकारी के मिलने पर, सीबीआई ने निजी कंपनी के कर्मचारियों द्वारा एनएचएआई के जीएम और प्रोजेक्ट मैनेजर को 20 लाख रुपये की रिश्वत देने के बाद उन्हें गिरफ्तार कर लिया. तलाशी के दौरान, अन्य आपत्तिजनक दस्तावेजों, डिजिटल उपकरणों, आदि के साथ अब तक ट्रैप मनी सहित 2.10 करोड़ रुपये (लगभग) नकद बरामद किए गए हैं. वर्तमान में इस मामले की आगे की जाँच जारी है.

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