कोटा, राजस्थान: एक 18 साल के छात्र ने आत्महत्या कर ली, मेडिकल प्रवेश परीक्षा की तैयारी में था। उपद्रवी के पहचानने पर मालूम हुआ कि वो उत्तर प्रदेश के रामपुर के निवासी थे और वे इस साल अप्रैल में कोटा पहुंचे थे।
नीट की तैयारी के लिए उसे एक कोचिंग सेंटर में दाखिला दिया गया था। गुरुवार सुबह उसका शव हॉस्टल के कमरे में पंखे से लटका मिला। इस साल कोटा में कम से कम 19 छात्रों की मौत की खबर है।
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पिछले महीने छात्र ने की थी आत्महत्या
पिछले महीने, कोटा में आईआईटी प्रवेश परीक्षा की तैयारी कर रहा एक 17 वर्षीय छात्र मृत पाया गया था। घटना की जानकारी मिलने के बाद पुलिस अधिकारियों ने लड़के को उसके हॉस्टल के कमरे में पंखे से लटका हुआ पाया था।
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राजस्थान का कोटा अपने कोचिंग सेंटरों के लिए मशहूर है और अब छात्रों की आत्महत्या के लिए बदनाम है। अनुमान है कि इस शैक्षणिक सत्र में मेडिकल और इंजीनियरिंग कॉलेजों की प्रवेश परीक्षाओं में सफलता पाने के लिए 2.25 लाख से अधिक छात्र शहर के विभिन्न कोचिंग सेंटरों में कक्षाएं ले रहे हैं।
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मई में 5 छात्रों ने की थी आत्महत्या
मई में कोटा में, 9 मई से 27 मई तक कुछ छात्रों ने आत्महत्या कर ली थी। छात्रों के माता-पिता का कहना है कि तनाव से निपटने के लिए उन्हें उचित मार्गदर्शन नहीं मिल रहा है। हर साल देश भर से लाखों छात्र प्रतिस्पर्धात्मक परीक्षाओं की तैयारी के लिए शिक्षा केंद्रों में आते हैं, जो देश के शीर्ष इंजीनियरिंग और मेडिकल कॉलेजों में प्रवेश प्राप्त करना चाहते हैं।
पिछले कुछ वर्षों में, कोटा में कई छात्रों की आत्महत्या से मृत्यु हो गई है। कई लोगों ने इसके लिए छात्रों में पढ़ाई के दबाव और फेल होने के डर को जिम्मेदार ठहराया है।
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