सोमवार (11 दिसंबर) को ब्रिटेन के प्रधानमंत्री ऋषि सुनक ने उन परिवारों से माफी मांगी, जिन्होंने कोविड-19 महामारी में अपने प्रियजनों को खो दिया था। इसके साथ ही, उन्होंने इस सप्ताह शुरू हुई सार्वजनिक जांच में अपनी ओर से सबूत पेश किए। यह भी अवैध प्रवासियों को निर्वासित करने की उनकी रवांडा नीति पर संसद में होने वाले मतदान को रोकने की कोशिश है।
भारतीय नेता ने कहा कि उन्हें लोगों की मौत पर ‘गहरा दुख’ है। उन्हें लगता था कि वह ‘रचनात्मक स्पष्टवादिता’ की भावना से कोविड जांच के लिए अपना साक्ष्य देना चाहते थे, ताकि 2020–2021 में चांसलर रहते हुए उससे सबक ले सकें।
ब्रिटिश प्रधानमंत्री श्री सुनक ने क्या कहा?
PM सुनक ने कहा, “मैं बस यह कहकर शुरुआत करना चाहता था कि मुझे उन सभी के लिए कितना गहरा दुख है, जिन्होंने महामारी के दौरान अपने प्रियजनों, परिवार के सदस्यों को खो दिया और उन सभी के लिए भी, जो महामारी के दौरान और उठाए गए कदमों के चलते कई तरीकों से पीड़ित हुए।”
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“मैंने पिछले कुछ वर्षों में इस बारे में बहुत सोचा है, यह महत्वपूर्ण है कि हम सबक सीखें ताकि हम भविष्य में बेहतर तरीके से तैयार हो सकें,” प्रधानमंत्री ने कहा।आज मैं उन सभी प्रभावित लोगों के प्रति बहुत सम्मान के साथ यहां हूँ।मैं जांच को विचार-विमर्श में मदद करने के लिए रचनात्मक स्पष्टवादिता का अभ्यास करता हूँ।
‘ईट आउट टू हेल्प आउट’ योजना का किया बचाव
ब्रिटिश पीएम सुनक ने ‘ईट आउट टू हेल्प आउट’ योजना का भी मजबूती से बचाव किया जो अगस्त 2020 में ब्रिटेन के आतिथ्य उद्योग को बढ़ावा देने के लिए उनकी ओर से शुरू की गई थी।उस समय कोरोना वायरस महामारी की दूसरी लहर थी और इसके कथित प्रभाव को लेकर उनकी आलोचना हुई थी।
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