विंध्य एक्सप्रेस-वे बनने से मिर्जापुर के ट्रांसपोर्ट कारोबार को संजीवनी मिलेगी। इसके साथ ही आसपास के जिलों सहित पूरे पूर्वांचल में रोजगार के अवसर बढ़ेंगे।
विंध्य एक्सप्रेस-वे को मंजूरी मिलने से मिर्जापुर ही नहीं, वाराणसी समेत पूर्वांचल के कई जिलों में विकास को रफ्तार मिलेगी। यातायात व्यवस्था बेहतर होने के साथ जिले के पर्यटन और ट्रांसपोर्ट कारोबार को संजीवनी मिलेगी। इसके अलावा खनन, पीतल उद्योग को भी फायदा पहुंचेगा। इससे क्षेत्र में रोजगार के अवसर भी बढ़ेंगे।
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विंध्य एक्सप्रेस-वे: मिर्जापुर से पूर्वांचल तक विकास की नई राह
प्रदेश की योगी सरकार ने प्रयागराज महाकुंभ के दौरान संगम के तट पर आयोजित कैबिनेट बैठक में विंध्य एक्सप्रेस-वे के निर्माण को मंजूरी दे दी है। इस महत्वपूर्ण परियोजना के तहत, 22 हजार 400 करोड़ रुपये की लागत से 320 किमी लंबा एक्सप्रेस-वे बनाया जाएगा, जो मिर्जापुर को प्रयागराज, वाराणसी, चंदौली और सोनभद्र से जोड़ेगा। विशेष रूप से, मिर्जापुर जिले में पत्थर खनन, पीतल, और कालीन जैसे प्रमुख उद्योगों का बड़ा योगदान है। इन उद्योगों से ट्रांसपोर्ट का एक व्यापक व्यवसाय भी जुड़ा हुआ है। इसके अतिरिक्त, जिले से पूरे पूर्वांचल, बिहार, छत्तीसगढ़ और झारखंड तक इन उत्पादों का निर्यात किया जाता है, जिससे क्षेत्रीय और राष्ट्रीय व्यापार को मजबूती मिलती है।
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जिले में गंगा के पुलों पर ट्रक के प्रतिबंध के कारण ट्रांसपोर्ट व्यवसाय पर गंभीर असर पड़ा है। विंध्य ट्रकर एसोसिएशन के अध्यक्ष राजू चौबे ने बताया कि पहले जिले में लगभग पांच हजार ट्रक चलते थे। हालांकि, आवागमन बेहतर न होने और विभिन्न समस्याओं के कारण अब केवल दो हजार ट्रक ही बचे हैं। इस वजह से जिले में ट्रांसपोर्ट व्यवसाय लगभग डूबने की कगार पर है। यदि एक्सप्रेस-वे का निर्माण होता है, तो यातायात व्यवस्था में उल्लेखनीय सुधार होगा। इसके साथ ही, वाहन कम समय में अपने गंतव्य तक पहुंच सकेंगे, जिससे परिवहन लागत में भी कमी आएगी।
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एक्सप्रेस-वे से ट्रांसपोर्ट और रोजगार में वृद्धि की उम्मीद
उन्होंने कहा कि एक्सप्रेस-वे बनने से मिर्जापुर से गिट्टी और सोनभद्र की बालू को अन्य प्रदेशों में कम समय में पहुंचाना संभव हो सकेगा। इसके परिणामस्वरूप, न केवल ट्रांसपोर्ट व्यवसाय को बढ़ावा मिलेगा, बल्कि खनन में काम करने वाले परिवारों को भी रोजगार के अधिक अवसर प्राप्त होंगे। इसके अलावा, हाईवे के आस-पास के क्षेत्रों में ढाबों, पेट्रोल पंपों और अन्य प्रकार के व्यवसायों के माध्यम से रोजगार के नए अवसर पैदा होंगे।
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उत्तर प्रदेश व्यापार कल्याण परिषद के पूर्व सदस्य विश्वनाथ अग्रवाल ने कहा कि एक्सप्रेस-वे के बनने से मिर्जापुर जिले का अन्य जिलों और प्रदेशों के साथ आवागमन काफी बेहतर हो जाएगा। इसके परिणामस्वरूप, पीतल और कालीन जैसे प्रमुख व्यवसायों को और अधिक बढ़ावा मिलेगा। इसके अलावा, कम समय में ज्यादा दूरी तय करने से न केवल समय की बचत होगी, बल्कि परिवहन लागत में भी कमी आएगी, जिससे व्यापारियों का मुनाफा बढ़ सकेगा।
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