November 19, 2024

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स्पाइसजेट-बिजी

स्पाइसजेट-बिजी बी ने गोफर्स्ट खरीदने के लिए ₹150 करोड़ की बोली बढ़ाई

स्पाइसजेट के एमडी और चेयरमैन अजय सिंह के कंसोर्टियम ने बैंकरप्ट एयरलाइन गोफर्स्ट की खरीद के लिए उनकी बोली में वृद्धि की है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, इस कंसोर्टियम में बिजी बी एयरवेज प्राइवेट लिमिटेड भी शामिल है।

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बोली में 100-150 करोड़ रुपए तक वृद्धि की गई

गोफर्स्ट खरीदने के लिए, इस कंसोर्टियम ने अपनी बोली राशि यानी बिड अमाउंट को 100-150 करोड़ रुपए तक बढ़ा दिया है। इसके बाद, इस कंसोर्टियम की बोली 1,700 से 1,750 करोड़ रुपए के बीच हो गई है। पिछले महीने फरवरी में, स्पाइसजेट और बिजी बी एयरवेज ने मिलकर नकदी संकट से जूझ रही एयरलाइंस गोफर्स्ट को खरीदने के लिए 1,600 करोड़ रुपए की बोली लगाई थी।

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स्काई वन ने भी गोफर्स्ट की खरीद के लिए बोली लगाई थी

तब शारजाह स्थित स्काई वन और स्पाइसजेट ने भी बोली लगाई थी। यह वित्तीय बिड्स गो फर्स्ट की बैंकरप्सी प्रक्रिया का एक हिस्सा है। गत मई में गो फर्स्ट ने बैंकरप्सी के लिए आवेदन किया था। स्पाइसजेट ने बताया कि अजय सिंह ने इस भाषण को अपनी व्यक्तिगत योग्यता से लगाया है। अगर डील हो जाती है तो स्पाइसजेट नई एयरलाइन के ऑपरेशन में मदद करेगी। यह आवश्यक कर्मचारी, सेवाओं और व्यावसायिक अनुभव प्रदान करेगा।

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बिडर्स को ऑफर बढ़ाने की मांग, CoC मीटिंग में चर्चा की जाएगी

एक सरकारी बैंक के बैंकर ने बताया कि दोनों ऑफरों में बिड अमाउंट CoC की अपेक्षाओं से कम था और इसमें भारी कटौती शामिल होगी। इसलिए बिडर्स को अपने ऑफर को संशोधित करने के लिए कहा गया था। रेजोल्यूशन प्रोफेशनल के माध्यम से CoC अब स्काई वन के साथ चर्चा कर रही है। अगले हफ्ते की CoC मीटिंग में अजय सिंह और बिजी बी की कंबाइन बोली पर चर्चा होगी।

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गो फर्स्ट का 6,521 करोड़ रुपए बकाया, सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया सबसे ज्यादा एक्सपोजर में

गो फर्स्ट के लेंडर्स के बकाया में अब तक 6,521 करोड़ रुपए हैं। एक्यूइट रेटिंग्स एंड रिसर्च की रिपोर्ट के अनुसार, सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया के पास 1,987 करोड़ रुपए का सबसे अधिक एक्सपोजर है। इसके बाद, बैंक ऑफ बड़ौदा का 1,430 करोड़ रुपए, डॉयचे बैंक का 1,320 करोड़ रुपए और IDBI बैंक का 58 करोड़ रुपए बकाया है।

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एक एयरलाइन के अनुसार, वह इंजनों की सप्लाई के अभाव के कारण अपने ऑपरेशन बंद करने पर मजबूर हो गई है। प्रैट एंड व्हिटनी (PW) ने इंजन की समय पर आपूर्ति नहीं की, जिसके कारण एयरलाइन को अपनी फ्लीट के आधे से अधिक विमानों को ग्राउंड करना पड़ा। इसके परिणामस्वरूप, उसे वित्तीय हानि हुई। वह नकदी की कमी का सामना कर रही थी और फ्यूल भरने के लिए पैसे नहीं बचे। ये इंजन एयरलाइन के A20 नियो एयरक्राफ्ट में उपयोग होते हैं। एयरलाइन के CEO कौशिक खोना के अनुसार, इंजन की खराबी से कंपनी को तीन साल में लगभग 1.1 बिलियन डॉलर यानी 8.9 हजार करोड़ रुपए का नुकसान हुआ है।