महाशिवरात्रि की छुट्टी के बाद गुरुवार को घरेलू शेयर बाजार में मजबूती देखने को मिली। शुरुआती कारोबार में सेंसेक्स 231.97 अंकों की बढ़त के साथ 74,834.09 के स्तर पर पहुंच गया, जबकि निफ्टी 65.75 अंक चढ़कर 22,613.30 के स्तर पर कारोबार कर रहा था। हालांकि, अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपया 14 पैसे कमजोर होकर 87.33 पर आ गया। बाजार विशेषज्ञों के अनुसार, वैश्विक संकेतों, विदेशी निवेश और मजबूत घरेलू आर्थिक आंकड़ों के चलते भारतीय शेयर बाजार में यह तेजी देखी गई। बैंकिंग, आईटी और ऑटोमोबाइल सेक्टर के शेयरों में मजबूती दर्ज की गई, जिससे बाजार को सपोर्ट मिला।
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वैश्विक बाजारों का मिला-जुला रुख
अमेरिकी शेयर बाजारों में बुधवार को मिश्रित रुख देखने को मिला। एसएंडपी 500 सूचकांक 0.8% की बढ़त के साथ 5,956.06 पर बंद हुआ, जिससे लगातार चार दिनों से जारी गिरावट का सिलसिला टूटा। वहीं, डॉव जोन्स इंडस्ट्रियल एवरेज 0.4% की गिरावट के साथ 43,433.12 पर बंद हुआ, जबकि नैस्डैक कंपोजिट 0.3% की बढ़त लेकर 19,075.26 के स्तर पर बंद हुआ।
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हालांकि, एशियाई बाजारों में गिरावट देखने को मिली। टोक्यो के निक्केई 225 ने 0.2% की बढ़त दर्ज कर 38,198.96 के स्तर को छू लिया, लेकिन हांगकांग का हैंग सेंग 0.8% गिरकर 23,618.74 पर और शंघाई कम्पोजिट इंडेक्स 0.5% की गिरावट के साथ 3,364.05 पर बंद हुआ। सप्ताह की शुरुआत में बढ़त हासिल करने वाले टेक शेयरों में भारी बिकवाली देखने को मिली। ऑस्ट्रेलिया में एसएंडपी/एएसएक्स 500 0.3% की तेजी के साथ 8,268.60 पर पहुंच गया, जबकि दक्षिण कोरिया का कोस्पी 0.9% गिरकर 2,618.77 पर आ गया।
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भारतीय बाजार में किन सेक्टर्स ने दिखाई मजबूती?
गुरुवार के कारोबार में बैंकिंग, आईटी और ऑटोमोबाइल सेक्टर में तेजी देखने को मिली। एचडीएफसी बैंक, आईसीआईसीआई बैंक और एसबीआई के शेयरों में खरीदारी देखी गई। आईटी सेक्टर में इंफोसिस, टीसीएस और विप्रो के शेयरों में उछाल आया, जबकि ऑटोमोबाइल सेक्टर में मारुति सुजुकी और टाटा मोटर्स के शेयर मजबूत हुए। इसके अलावा, मेटल और एनर्जी सेक्टर के शेयरों में भी खरीदारी देखने को मिली। रिलायंस इंडस्ट्रीज, टाटा स्टील और कोल इंडिया जैसी कंपनियों के शेयरों में भी उछाल आया।
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रुपये में कमजोरी जारी
इस बीच, विदेशी मुद्रा बाजार में रुपये में कमजोरी बनी रही। शुरुआती कारोबार में डॉलर के मुकाबले रुपया 14 पैसे गिरकर 87.33 के स्तर पर पहुंच गया। रुपये में यह गिरावट विदेशी संस्थागत निवेशकों (FII) की बिकवाली और वैश्विक बाजारों में डॉलर की मजबूती के कारण आई है। विश्लेषकों का मानना है कि अमेरिकी फेडरल रिजर्व की ब्याज दरों पर होने वाली अगली बैठक से पहले वैश्विक निवेशक सतर्क रुख अपनाए हुए हैं, जिससे डॉलर मजबूत हुआ है और रुपये पर दबाव बढ़ा है।
ताइवान और थाईलैंड के बाजारों में उतार-चढ़ाव
अन्य एशियाई बाजारों में भी मिला-जुला प्रदर्शन देखने को मिला। ताइवान के शेयर बाजार में 0.8% की गिरावट दर्ज की गई, जबकि थाईलैंड के एसईटी सूचकांक में मामूली बढ़त दर्ज की गई।
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आगे की संभावनाएं
बाजार विशेषज्ञों का मानना है कि भारतीय शेयर बाजार की दिशा अगले कुछ दिनों में वैश्विक बाजारों की चाल, कच्चे तेल की कीमतों और विदेशी निवेशकों की गतिविधियों पर निर्भर करेगी। फिलहाल, निवेशकों की नजरें अमेरिकी फेडरल रिजर्व की अगली बैठक और आगामी महंगाई दर के आंकड़ों पर टिकी हैं, जो बाजार की आगे की दिशा तय कर सकते हैं। वहीं, घरेलू स्तर पर कंपनियों के तिमाही नतीजों का भी शेयर बाजार पर असर पड़ेगा। विश्लेषकों का कहना है कि बाजार में अस्थिरता बनी रह सकती है, लेकिन लंबी अवधि के निवेशकों के लिए यह खरीदारी के अच्छे अवसर लेकर आ सकता है।
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