बुधवार को भारतीय शेयर बाजार में भारी गिरावट देखने को मिली, जिसका प्रमुख कारण अमेरिकी आर्थिक मंदी की नई चिंताओं और फेडरल रिजर्व की ब्याज दरों पर होने वाले निर्णय से पहले निवेशकों की सतर्कता रही। वैश्विक बाजारों में कमजोरी के बाद, सेंसेक्स और निफ्टी में भी बिकवाली का दबाव बढ़ गया, जिससे दोनों सूचकांक नीचे फिसल गए।
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सुबह के कारोबार में सेंसेक्स 578.81 अंक या 0.70% की गिरावट के साथ 82,013.32 के स्तर पर आ गया, जबकि निफ्टी 170.95 अंक या 0.68% की गिरावट के साथ 25,108.90 के स्तर पर कारोबार करता नजर आया। इस दौरान बीएसई पर लिस्टेड सभी कंपनियों का बाजार पूंजीकरण 3.1 लाख करोड़ रुपए घटकर 462.4 लाख करोड़ रुपए पर पहुंच गया।
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आईटी, फाइनेंशियल और मेटल सेक्टर के शेयरों में बिकवाली का दबाव
सेंसेक्स के आईटी, फाइनेंशियल और मेटल सेक्टर के शेयरों में सबसे ज्यादा बिकवाली देखी गई, जिससे बाजार में गिरावट आई। इंफोसिस, आईसीआईसीआई बैंक, एलएंडटी, टीसीएस, भारती एयरटेल और एसबीआई के शेयरों में गिरावट से इंडेक्स पर सबसे ज्यादा दबाव पड़ा। इसके अलावा, जेएसडब्ल्यू स्टील और टाटा स्टील के शेयरों में भी 1.5% तक की गिरावट दर्ज की गई, जिससे ये टॉप लूजर्स में शामिल रहे।
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निवेशकों की इस सतर्कता का मुख्य कारण अमेरिका से जुड़ी आर्थिक चिंताएं और फेडरल रिजर्व के ब्याज दरों पर संभावित निर्णय के पहले आने वाले महत्वपूर्ण आंकड़ों का इंतजार था। इससे सभी क्षेत्रों में बिकवाली का माहौल बना, जिसने भारतीय शेयर बाजार को कमजोर कर दिया। वैश्विक बाजारों में गिरावट के चलते भारतीय निवेशकों में भी घबराहट बढ़ी, और इसका असर बाजार पर साफ दिखाई दिया।
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