भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर ने पेटीएम पर हुई कार्रवाई पर अपनी प्रतिक्रिया दी है। गवर्नर शक्तिकांत दास ने बताया कि भारत ने डिजिटल सार्वजनिक बुनियादी ढांचे को बढ़ावा देने में अग्रणी भूमिका निभाई है। उन्होंने पेटीएम पर हुई कार्रवाई के बारे में कहा कि विनियमित संस्थाओं के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी, लेकिन इससे पहले व्यापक आकलन किया जाएगा। उन्होंने व्यापक समीक्षा के बाद कोई गुंजाइश नहीं होने दी, और इस सप्ताह एक एफएक्यू जारी करने का भी ऐलान किया।
आरबीआई गवर्नर का पेटीएम और बैंकों पर निर्णय
रिजर्व बैंक की ओर से निर्णय चाहे बैंक हो, भुगतान बैंक हो या सहकारी बैंक सभी के लिए उचित विचार-विमर्श और प्रक्रिया के बाद लिए जाते हैं। आरबीआई गवर्नर ने कहा कि पेटीएम ही नहीं, हम किसी के भी खिलाफ कार्रवाई करते हैं तो सामान्य तौर पर, महीनों और वर्षों तक बातचीत करते हैं। ऐसे में समीक्षा के लिए शायद ही कोई जगह है।
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समीक्षा शब्द का उपयोग उचित नहीं है। हमारी प्राथमिकता है कि ग्राहकों को कोई असुविधा न हो, इसलिए हमने एक महीने का समय दिया है। कार्रवाई 31 जनवरी को की गई। एक महीने का समय (29 फरवरी तक) दिया गया है क्योंकि ग्राहक हित सबसे ऊपर है। बता दें कि सोमवार की सुबह ही वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने दिल्ली में भारतीय रिजर्व बैंक के केंद्रीय बोर्ड के साथ बैठक की। इस बैठक में केंद्रीय बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास भी मौजूद रहे।
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