केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने कहा है कि भारतीय ऑटो कंपनियां जल्द ही देश में पूरी तरह से इथेनॉल से चलने वाली कारों और दोपहिया वाहनों का निर्माण करेंगी। यह बयान उस समय आया है जब इथेनॉल को पेट्रोल में मिलाकर पूरे देश में बेचा जा रहा है। इसके साथ ही, उनकी टिप्पणी ऐसे समय में आई है जब वाहन निर्माता फ्लेक्स-फ्यूल तकनीक पर काम कर रहे हैं, जिससे एक ही वाहन पेट्रोल और इथेनॉल दोनों पर चलाया जा सकेगा।
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केंद्रीय मंत्री सोमवार को फ्लेक्स-फ्यूल इंजन से चलने वाली कार में संसद आए। एएनआई के मुताबिक, गडकरी ने कहा कि यह दुनिया का पहला वाहन है जिसमें फ्लेक्स इंजन है और यह यूरो 6 उत्सर्जन मानदंडों का अनुपालन करता है। रिपोर्ट के मुताबिक गडकरी ने कहा, “यह शुद्ध शून्य उत्सर्जन देता है। गन्ने के रस, गुड़ और मकई से उत्पादित इथेनॉल पर चलता है।”
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टोयोटा ने अगस्त 2023 में भारत में इथेनॉल से चलने वाले फ्लेक्स-फ्यूल इनोवा हाइक्रॉस का पेश किया
टोयोटा ने इससे पहले अगस्त 2023 में भारत में इनोवा हाइक्रॉस का फ्लेक्स-फ्यूल प्रोपेल्ड वर्जन पेश किया था। जिसे अभी देश में बड़े पैमाने पर बिक्री के लिए उपलब्ध नहीं कराया गया है। हालांकि, यह जापानी कार निर्माता की फ्लेक्स-फ्यूल वाहन बनाने की क्षमता को दर्शाने वाला एक प्रौद्योगिकी प्रदर्शन था। यह एमपीवी पेट्रोल इंजन बंद होने पर अपनी कुल दूरी का 40 प्रतिशत इथेनॉल पर और शेष 60 प्रतिशत इलेक्ट्रिक पर तय करने में सक्षम होने का दावा करती है।
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हाल ही में, टोयोटा ने एलान किया था कि वह स्थानीय स्तर पर फ्लेक्स-फ्यूल कारों का उत्पादन करने के लिए भारत में एक प्लांट स्थापित करेगी। यह विनिर्माण सुविधा महाराष्ट्र के औरंगाबाद में 20,000 करोड़ रुपये के निवेश से लगाई जाएगी। गडकरी ने खुलासा किया है कि टाटा मोटर्स और सुजुकी भी 100 प्रतिशत इथेनॉल या फ्लेक्स-फ्यूल इंजन वाले वाहन बनाने पर काम कर रही हैं।
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