मुकेश अंबानी एक ऐसी किट लाने की योजना बना रहे हैं जिससे लोग अपने जीन की जांच कर सकेंगे। वह ऐसा इसलिए कर रहे हैं क्योंकि वह लोगों को स्वस्थ रहने और बेहतर दिखने में मदद करना चाहते हैं। यह जेनेटिक मैपिंग व्यवसाय में मुकेश अंबानी की पहली प्रविष्टि है, और उन्हें उम्मीद है कि यह भारत में लोकप्रिय हो जाएगा। वह किट को लोगों के लिए सस्ता बनाने की योजना बना रहा है, जैसा कि 23andMe ने संयुक्त राज्य अमेरिका में किया है।
एनर्जी से लेकर ई-कॉमर्स तक दिग्गज कारोबार करने वाली रिलायंस इंडस्ट्रीज अगले कुछ हफ्ते में $145 का जीनोम सीक्वेंसिंग टेस्ट किट लॉन्च करने वाली है। स्ट्रैंड लाइफ साइंस प्राइवेट के चीफ एग्जीक्यूटिव ऑफीसर रमेश हरीहरन ने यह जानकारी दी है स्ट्रैंड लाइफ साइंस ने ही यह किट विकसित किया है एशिया के सबसे अमीर व्यक्ति मुकेश अंबानी बेंगलुरु की स्ट्रैंड लाइफ साइंसेज को साल 2021 में खरीद लिया था और अब उसमें उसकी 80 फ़ीसदी हिस्सेदारी है।

क्या होता है जीनोम?
क्या होता है जीनोम? हमारी कोशिकाओं के भीतर आनुवंशिक पदार्थ होता है जिसे हम DNA, RNA कहते हैं। इन सभी पदार्थों को सामूहिक रूप से जीनोम कहा जाता है। एक जीन के स्थान और जीन के बीच की दूरी की पहचान करने के लिये उपयोग की जाने वाली विभिन्न तकनीकों को ही जीन या जीनोम मैपिंग कहा जाता है। अक्सर जीनोम मैपिंग का इस्तेमाल वैज्ञानिकों द्वारा नए जीन की खोज करने में मदद के लिये किया जाता है. जीनोम में एक पीढ़ी के गुणों को दूसरी पीढ़ी में हस्तांतरित करने की क्षमता होती है। ह्यूमन जीनोम प्रोजेक्ट के मुख्य लक्ष्यों में नए जीन की पहचान करना और उसके कार्य को समझने के लिये बेहतर और सस्ते उपकरण विकसित करना शामिल है। जीनोम मैपिंग इन उपकरणों में से एक है। मानव जीनोम में अनुमानतः 80 हज़ार से एक लाख तक जींस होते हैं।
क्या होता है जीनोम सिक्वेंसिंग टेस्ट?
क्या होता है जीनोम सिक्वेंसिंग टेस्ट? जीनोम सिक्वेंसिंग किसी वायरस का बायोडाटा होता है। वायरस कैसा है, किस तरह दिखता है, इसकी जानकारी जीनोम से मिलती है। इसी वायरस के विशाल समूह को जीनोम कहा जाता है। वायरस के बारे में जानने की विधि को जीनोम सिक्वेंसिंग कहते हैं। इससे ही कोरोना के नए स्ट्रेन के बारे में पता चला है।
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