November 6, 2024

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जन्माष्टमी पर पूरे भारत में हुआ 25,000 करोड़ का कारोबार, CAIT का अनुमान

कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (CAIT) के अनुसार, जन्माष्टमी उत्सव के दौरान देश भर में व्यापार में बढ़ोतरी देखी गई, जिसमें 25,000 करोड़ रुपये से अधिक का लेनदेन हुआ। ये आंकड़े जन्माष्टमी के जोशीले उत्सव के दौरान बढ़ी हुई उपभोक्ता खर्च की प्रवृत्ति को दर्शाते हैं, जिससे यह साल के सबसे अधिक आर्थिक गतिविधि वाले त्योहारों में से एक बन गया है।

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जन्माष्टमी पर प्रमुख वस्तुओं की भारी बिक्री

सीएआईटी के राष्ट्रीय महासचिव और चांदनी चौक से सांसद प्रवीण खंडेलवाल ने बताया कि जन्माष्टमी के इस महत्वपूर्ण पर्व के दौरान, विशेष रूप से फूल, फल, मिठाई, देवताओं की पोशाक, सजावटी सामान, व्रत की मिठाई, दूध, दही, मक्खन, और सूखे मेवों की भारी बिक्री हुई। उन्होंने कहा कि जन्माष्टमी जैसे त्योहार सनातन अर्थव्यवस्था का एक अहम हिस्सा हैं, जो देश की आर्थिक मजबूती में योगदान करते हैं। इस वर्ष, 26 अगस्त को पूरे देश में कृष्ण जन्माष्टमी का उत्सव मनाया गया, जहां भक्तों ने पारंपरिक रूप से उपवास रखा और मंदिरों व घरों को फूलों, दीयों और रोशनी से सजाया।

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जन्माष्टमी के आकर्षण और धार्मिक गतिविधियाँ

मंदिरों को आकर्षक रूप से सजाया गया, जहां भक्तों की भारी भीड़ उमड़ी। खंडेलवाल ने बताया कि जन्माष्टमी उत्सव के खास आकर्षणों में डिजिटल झांकियां, भगवान कृष्ण के साथ सेल्फी प्वाइंट, और अन्य रमणीय दृश्य शामिल थे। शहरों में संतों और ऋषियों द्वारा भजन, धार्मिक नृत्य, और प्रवचन आयोजित किए गए। इसके अलावा, विभिन्न सामाजिक संगठनों ने भी बड़े पैमाने पर जन्माष्टमी समारोह का आयोजन किया। शास्त्रों के अनुसार, जन्माष्टमी भाद्रपद माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को मनाई जाती है, जो भगवान कृष्ण के जन्म का दिन है।

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राखी के त्योहार पर तेजी से बढ़ता व्यापार

इस महीने की शुरुआत में, CAIT ने राखी के त्योहार के दौरान देशभर में 12,000 करोड़ रुपये से अधिक के व्यापार का अनुमान लगाया था। खंडेलवाल के अनुसार, 2022 में राखी पर कारोबार लगभग 7,000 करोड़ रुपये, 2021 में 6,000 करोड़ रुपये, 2020 में 5,000 करोड़ रुपये, 2019 में 3,500 करोड़ रुपये, और 2018 में 3,000 करोड़ रुपये रहा था। व्यापार मंडल ने बताया कि बाजारों में खरीदारी के लिए भारी भीड़ देखी जा रही है, और लोग त्योहार को लेकर काफी उत्साहित हैं।

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