February 22, 2025

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Donald Trump

President Donald Trump listens as Louisiana Republican gubernatorial candidate Eddie Rispone speaks during a campaign rally at the CenturyLink Center, Thursday, Nov. 14, 2019, in Bossier City, La. (AP Photo/ Evan Vucci)

भारत बहुत अमीर है… USAID फंड पर ट्रंप के बयान

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने USAID फंडिंग रोकने के फैसले का समर्थन किया है। उन्होंने कहा कि आर्थिक रूप से मजबूत भारत को मतदाता भागीदारी बढ़ाने के लिए अमेरिकी धन की जरूरत नहीं होनी चाहिए। यह बयान तब आया जब एलन मस्क के DOGE विभाग ने भारत समेत कई देशों के लिए करीब दो करोड़ डॉलर की फंडिंग रोकने की घोषणा की।

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‘हम भारत को 108 अरब क्यों दे रहे हैं

असल में अब इसी मामले में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान ट्रंप ने फंड का जिक्र करते हुए कहा कि हम भारत को 108 अरब क्यों दे रहे हैं? उनके पास पहले से ही बहुत पैसा है. वे अमीर हैं वे दुनिया के सबसे अधिक कर लगाने वाले देशों में से एक हैं. हम वहां मुश्किल से प्रवेश कर पाते हैं क्योंकि उनके टैरिफ काफी अधिक हैं. मुझे भारत और उनके प्रधानमंत्री का बहुत सम्मान है लेकिन वहां के चुनाव में मतदाताओं की भागीदारी बढ़ाने के लिए 1.8 अरब क्यों देना? ट्रंप ने इस फंडिंग को गैर-जरूरी बताते हुए कहा कि भारत जैसे देश को अमेरिका से इस तरह की वित्तीय सहायता की आवश्यकता नहीं है।

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वित्तीय मदद को रोकने की घोषणा की थी

यह सब तब हुआ जब 16 फरवरी को एलॉन मस्क के नेतृत्व में DOGE विभाग ने अमेरिका से मिलने वाली कई विदेशी वित्तीय मदद को रोकने की घोषणा की थी. इसमें भारत के लिए निर्धारित 2.1 करोड़ डॉलर भी शामिल था जो चुनावों में मतदाताओं की भागीदारी बढ़ाने के लिए इस्तेमाल किया जाना था. विभाग की ओर से बताया गया कि इस फंडिंग का उद्देश्य भारत में मतदान प्रतिशत बढ़ाने में मदद करना था लेकिन अब इसे रोक दिया गया है. विभाग ने अपने आधिकारिक पोस्ट में कहा कि अमेरिकी करदाताओं के पैसे को अनावश्यक मदों पर खर्च होने से रोकने के लिए यह कदम उठाया गया है।

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टैरिफ और व्यापार नीति को लेकर कड़े बयान

ट्रंप पहले भी भारत के टैरिफ और व्यापार नीति को लेकर कड़े बयान दे चुके हैं। उनका मानना है कि भारत उन देशों में शामिल है, जहां सबसे अधिक टैरिफ लगाए जाते हैं, जिससे अमेरिकी कंपनियों के लिए वहां व्यापार करना मुश्किल हो जाता है।

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उधर, एलन मस्क के नेतृत्व में नया सरकारी कार्यदक्षता विभाग फिजूलखर्ची रोकने के लिए बड़े फैसले ले रहा है। इसी के तहत भारत सहित कई अन्य देशों की वित्तीय मदद पर रोक लगा दी गई है। हालांकि, इस फैसले पर अब तक भारत सरकार की ओर से कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है।

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