November 22, 2024

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Banks to use facial recognition and iris scanning or some transactions

बैंक से पैसे निकालने के लिए फेस आईडी का इस्तेमाल, आंखें भी स्कैन की जाएंगी

वर्तमान में, बैंक से पैसे निकालने के लिए केवल एक हस्ताक्षर की आवश्यकता होती है, लेकिन जल्द ही आपको अपना चेहरा और अपनी आंखों की रेटिना स्कैन करनी होगी, या सरकार बैंक लेनदेन के लिए फेस आईडी और आईरिस स्कैनिंग लागू करने की योजना बनाएगी. हालांकि, कुछ खास मामलों में ही फेस आईडी की जरूरत होगी. सरकार का मानना ​​है कि इससे टैक्स चोरी कम होगी.

कुछ बड़े निजी और सरकारी बैंकों ने फेशियल रिकग्निशन और आईरिस स्कैनिंग का इस्तेमाल करना शुरू कर दिया है. समाचार एजेंसी रॉयटर्स की एक रिपोर्ट के मुताबिक, बैंक के एक कर्मचारी ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि ट्रांजैक्शन से पहले फेशियल रिकग्निशन वेरिफिकेशन का ऑर्डर अभी सार्वजनिक नहीं किया गया है, लेकिन बैंकों ने इस पर काम करना शुरू कर दिया है.

इस तरह का वेरिफिकेशन अनिवार्य नहीं है और इसका इस्तेमाल उस स्थिति में किया जाएगा जब खाताधारक के पास सरकारी पहचान पत्र, स्थायी खाता संख्या (पैन कार्ड) नहीं होगा, हालांकि फेस आईडी के इस तरह के इस्तेमाल को लेकर प्राइवेसी पर सवाल खड़े होंगे, क्योंकि भारत में फेस आईडी, साइबर सिक्योरिटी, प्राइवेसी को लेकर कोई कानून नहीं है. उम्मीद है कि इस साल प्राइवेसी कानून को हरी झंडी मिल जाएगी.

Iris scanning

कहा जा रहा है कि फेस आईडी और आईरिश आईडी का इस्तेमाल उन मामलों में किया जाएगा जब किसी खाताधारक ने एक साल में 20 लाख से अधिक की निकासी और जमा की है. फेस आईडी के अलावा खाताधारक को पहचान पत्र के तौर पर आधार कार्ड भी देना होग.

दिसंबर में भारत के वित्त मंत्रालय ने बैंकों से भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (यूआईडीएआई) के एक पत्र पर आवश्यक कार्रवाई करने के लिए कहा, जिसमें सुझाव दिया गया था कि वेरिफिकेशन फेस आईडी और आईरिस स्कैनिंग के माध्यम से किया जाना चाहिए, खासकर जहां किसी व्यक्ति का फिंगरप्रिंट  वेरिफिकेशन फेल होता है. सरकार या किसी बैंक की ओर से इस रिपोर्ट पर अभी तक कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है.