रियल एस्टेट बाजार में खाली पड़े घरों की संख्या यानी अनसोल्ड इन्वेंटरी में कम दर्ज की गई है। एनारॉक की ताजा रिपोर्ट के मुताबिक, देश के सात प्रमुख शहरों में जनवरी से मार्च 2025 की तिमाही के दौरान अनसोल्ड इन्वेंटरी में 4% की गिरावट आई है। मार्च 2025 तक इन शहरों में करीब 5.6 लाख (5,59,808) मकान अनबिके थे, जबकि मार्च 2024 में यह आंकड़ा लगभग 5.8 लाख (5,80,895) इकाइयों तक पहुंच गया था। जिन शहरों में यह गिरावट देखी गई है, उनमें दिल्ली-एनसीआर, मुंबई एमएमआर, कोलकाता, चेन्नई, बेंगलुरु, हैदराबाद और पुणे शामिल हैं।
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सस्ते घरों की सप्लाई हुई कम
एनारॉक के चेयरमैन अनुज पुरी ने कहा कि पिछले दो से तीन वर्षों के दौरान महंगे और प्रीमियम श्रेणी के घरों की मांग में जबरदस्त इजाफा हुआ है, जिसके चलते लक्जरी हाउसिंग सेगमेंट रियल एस्टेट बाजार में सबसे अधिक प्रदर्शन करने वाले क्षेत्रों में शामिल हो गया है। उन्होंने कहा कि यह ट्रेंड महामारी के बाद और अधिक स्पष्ट रूप से उभरा है, जब उच्च आय वर्ग के खरीदारों ने बड़े और सुविधाजनक घरों की ओर रुख किया।
इसके विपरीत, पुरी ने इस बात पर भी जोर दिया कि किफायती या सस्ते मकानों का सेगमेंट महामारी से सबसे ज्यादा प्रभावित हुआ है। न केवल इस श्रेणी की बिक्री में गिरावट आई है, बल्कि डेवलपर्स ने भी इस क्षेत्र में नई परियोजनाएं लाने से परहेज किया है। उनका कहना है कि जमीन और निर्माण लागत में बढ़ोतरी, साथ ही सीमित लाभ मार्जिन के कारण डेवलपर्स अब मिड और हाई-एंड सेगमेंट पर ज्यादा ध्यान दे रहे हैं।
पुरी ने यह भी बताया कि बीते पांच वर्षों में कुल आवास बिक्री और नए प्रोजेक्ट लॉन्च में सस्ते मकानों की हिस्सेदारी में लगातार गिरावट आई है। यह संकेत करता है कि रियल एस्टेट बाजार अब धीरे-धीरे उच्च आय वर्ग की जरूरतों को पूरा करने की दिशा में आगे बढ़ रहा है, जबकि निम्न और मध्यम आय वर्ग के लिए घर खरीदना और अधिक चुनौतीपूर्ण होता जा रहा है।
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घरों की बिक्री में 28 प्रतिशत की बड़ी गिरावट
जनवरी-मार्च 2025 की तिमाही में देश के शीर्ष सात शहरों में आवास बिक्री में उल्लेखनीय गिरावट देखी गई। एनारॉक की रिपोर्ट के अनुसार, इस दौरान कुल 93,280 यूनिट्स की बिक्री हुई, जो पिछले साल की समान तिमाही में दर्ज 1.30 लाख यूनिट्स से लगभग 28 प्रतिशत कम है। यही नहीं, नई आवासीय इकाइयों की आपूर्ति भी घटी है। रिपोर्ट बताती है कि इस तिमाही में कुल 1,00,020 यूनिट्स की नई पेशकश हुई, जबकि एक साल पहले यह आंकड़ा 1,10,865 यूनिट्स था—जो कि करीब 10 प्रतिशत की गिरावट दर्शाता है। एनारॉक, जो देश की प्रमुख रियल एस्टेट सलाहकार कंपनियों में शामिल है, का मानना है कि बाजार में यह सुस्ती कई आर्थिक और क्षेत्रीय कारणों से जुड़ी हो सकती है, जिनमें ऊंची ब्याज दरें, निर्माण लागत में बढ़ोतरी और खरीदारों की बदलती प्राथमिकताएं प्रमुख हैं।
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