इसरो अब चांद के लिए अपने नए मिशनों की तैयारी में पूरी तरह से जुट गया है, और इसी कड़ी में केंद्र सरकार ने भारत के चंद्रयान-5 मिशन को मंजूरी दे दी है। चंद्रयान-5 मिशन, जो चंद्रयान-4 के बाद अगले महत्वपूर्ण कदम के रूप में सामने आ रहा है, को 2028-29 तक लॉन्च किया जा सकता है। हालांकि, मिशन की सही तारीख आगामी चरणों के पूरा होने और परीक्षणों के बाद ही निर्धारित की जाएगी। इस मिशन की महत्वाकांक्षा चांद के दक्षिणी ध्रुव को और अधिक विस्तार से समझने की है, जहां जीवन की संभावनाएं और पानी की उपस्थिति का अध्ययन किया जाएगा।
Also Read : योगी के मोदी और अमित शाह से संबंधों में भरोसे पर इतनी बातें क्यों होती हैं?
चंद्रयान-3 मिशन चांद के दक्षिणी ध्रुव पर भारत की ऐतिहासिक सफलता
चंद्रयान-3 मिशन, जिसे इसरो ने 23 अगस्त 2023 को बंगलूरू से लॉन्च किया था, चांद के दक्षिणी ध्रुव के पास सफलतापूर्वक सॉफ्ट लैंडिंग करने वाला भारत को चौथा देश बना, और वह पहला देश था जो चांद के दक्षिणी ध्रुव तक पहुंचने में सफल रहा। इस मिशन ने चांद की सतह और वातावरण के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी प्रदान की, जैसे वहां का तापमान, पानी की संभावनाएं, और जीवन के लिए अनुकूल वातावरण के संकेत। यह सफल मिशन चांद पर भविष्य के मानव मिशन के लिए एक मजबूत आधार तैयार करता है, क्योंकि इससे चांद के दक्षिणी ध्रुव की जटिलताओं को समझने में मदद मिली है।
Also Read : थोक महंगाई दर जनवरी के 2.31% से बढ़कर 2.38% हो गई है
चंद्रयान-5 मिशन भारत और जापान की साझेदारी और चांद के दक्षिणी ध्रुव की नई खोज
चंद्रयान-5 मिशन को भारत और जापान के बीच साझेदारी के रूप में देखा जा रहा है, और इसे लूनर पोलर एक्सप्लोरेशन (LUPEX) मिशन नाम दिया गया है। यह मिशन चांद के दक्षिणी ध्रुव में जीवन और पानी की संभावनाओं का अध्ययन करेगा, जो कि मानवता के लिए एक महत्वपूर्ण वैज्ञानिक कदम है। इस मिशन का सबसे विशेष हिस्सा इसका 250 किलोग्राम का भारी रोवर होगा, जो चंद्रयान-3 के प्रज्ञान रोवर से 10 गुना अधिक वजनदार होगा। यह भारी रोवर चांद के दक्षिणी ध्रुव के क्षेत्र का विस्तार से अध्ययन करने में मदद करेगा, जहां रोवर की अत्याधुनिक तकनीकी क्षमताएं इसकी सफलता को सुनिश्चित करेंगी।
Also Read : इन चीजों की मदद से तुरंत करें मेकअप रिमूवर
चंद्रयान-5 का लैंडर भारी वजन और उन्नत तकनीक के साथ चांद की सतह का गहन अध्ययन
चंद्रयान-5 का लैंडर भी भारी होगा, जिसका अनुमानित वजन करीब 26 टन हो सकता है। लैंडर का भारी वजन चांद की सतह पर लैंडिंग के दौरान संतुलन बनाए रखने में मदद करेगा, खासकर दक्षिणी ध्रुव की कठिन सतह पर, जो ऊबड़-खाबड़ और अनियमित हो सकती है। लैंडर में जिन उन्नत सुविधाओं का समावेश किया जाएगा, उनका उद्देश्य चांद की सतह और जलवायु के बारे में विस्तृत डेटा इकट्ठा करना है, जिससे जीवन और संसाधनों की संभावना का पता लगाया जा सके। इसके अलावा, लैंडर में जापान के सेंसर्स भी लगाए जाएंगे, जो चांद की सतह की गहराई को मापने में मदद करेंगे।
Also Read : सेलिब्रिटी जैसी लिपस्टिक लगाने के सही तरीके: इन बातों का रखें ध्यान
चंद्रयान-5 मिशन का उद्देश्य चांद के दक्षिणी ध्रुव में जीवन और पानी की संभावनाओं का अध्ययन
इस मिशन का मुख्य उद्देश्य दक्षिणी ध्रुव क्षेत्र में जीवन की संभावनाओं का पता लगाना है। इस क्षेत्र की खासियत यह है कि यह हमेशा अंधेरे में रहता है, जिसके कारण यहां का तापमान बहुत कम होता है। चांद की इस कठिन सतह पर पानी की उपस्थिति, बर्फ, और जीवन की संभावनाओं का अध्ययन किया जाएगा। चंद्रयान-5 में लगाए गए आधुनिक उपकरणों जैसे ग्राउंड पेनिट्रेटिंग रडार, मिड-इन्फ्रारेड स्पेक्ट्रोमीटर, और रमन स्पेक्ट्रोमीटर, चांद की सतह के विभिन्न गुण और पानी की मौजूदगी का विश्लेषण करेंगे। इन उपकरणों से प्राप्त डेटा मानव मिशन के लिए मार्गदर्शक साबित होगा।
Also Read : सचिन तेंदुलकर की इंडिया मास्टर्स बनी चैंपियन
चंद्रयान-5 मिशन दीर्घकालिक कार्यकाल और इंसान के चांद पर जाने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम
चंद्रयान-5 मिशन की सबसे बड़ी विशेषता इसकी दीर्घकालिक मिशन अवधि होगी। इसमें बड़े फ्यूल टैंक, सोलर पैनल्स, और बेहतर थर्मल सिस्टम लगाए जाएंगे, जो चांद के दक्षिणी ध्रुव के अत्यधिक तापमान (127 डिग्री सेल्सियस तक गर्मी और -173 डिग्री सेल्सियस तक ठंड) में भी मिशन को सुरक्षित रख सकेंगे। इन उन्नत सुविधाओं के कारण, चंद्रयान-5 मिशन 14 दिनों तक लगातार डेटा इकट्ठा कर सकेगा, जिससे भविष्य में इंसानों के चांद पर जाने की संभावनाओं को मजबूत किया जाएगा। यह मिशन न केवल वैज्ञानिक दृष्टिकोण से बल्कि मानव मिशन की दिशा में भी महत्वपूर्ण साबित होगा, क्योंकि यह चांद पर जीवन और संसाधनों की संभावनाओं के अध्ययन में मदद करेगा।
Also Read : भारतीय छात्रा रंजनी श्रीनिवासन ने छोड़ा अमेरिका
More Stories
Shah Rukh Khan Sports Rs 21-Crore Watch at Met Gala 2025 – Here’s Why It Costs a Fortune
ऑपरेशन सिंदूर ने बॉलीवुड में भरा जोश, अक्षय बोले- जय हिंद; अनुपम समेत इन्होंने दिया रिएक्शन
Why Operation Sindoor Stands Out as India’s Unique Mission