गणेशपेठ पुलिस स्टेशन में दर्ज एफआईआर के अनुसार, सोमवार को नागपुर में हुई हिंसा के दौरान कुछ लोगों ने भलदारपुरा चौक पर तैनात पुलिसकर्मियों पर हमला किया। इस हमले में दंगाइयों ने पुलिसकर्मियों पर पत्थर फेंके और पेट्रोल बम भी फेंके, जिससे स्थिति और भी भयावह हो गई। एफआईआर के मुताबिक, अंधेरे का फायदा उठाकर हिंसक भीड़ ने एक महिला पुलिसकर्मी के साथ छेड़छाड़ करने की कोशिश की और उसकी वर्दी फाड़ने की प्रयास किया। इसके अलावा, भीड़ ने अन्य महिला पुलिसकर्मियों को गालियां दीं, आपत्तिजनक टिप्पणियां कीं और उन्हें गलत इशारे भी किए। इस घटना ने पुलिस कर्मियों के लिए स्थिति को और भी खतरनाक बना दिया, क्योंकि दंगाइयों ने जानबूझकर उनकी अस्मिता को नुकसान पहुंचाने की कोशिश की।
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नागपुर हिंसा की शुरुआत शांतिपूर्ण प्रदर्शन से अफवाह के बाद बढ़ी हिंसा
यह हिंसा सोमवार शाम को नागपुर के चिटनिस पार्क स्थित महाल इलाके में शुरू हुई। शुरुआत में यह एक शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शन था, जिसमें विश्व हिंदू परिषद ने मुग़ल बादशाह औरंगजेब की कब्र हटाने की मांग की थी। लेकिन अचानक एक अफवाह फैल गई कि प्रदर्शन के दौरान एक धार्मिक ग्रंथ को जलाया गया है, जिससे हिंसा भड़क उठी। अफवाह फैलने के बाद दंगाइयों की भीड़ ने पुलिसकर्मियों पर हमले शुरू कर दिए और स्थिति को नियंत्रण में लाने के लिए पुलिस को बल प्रयोग करना पड़ा।
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हिंसा के दौरान तोड़फोड़ और आगजनी पुलिस ने पांच एफआईआर दर्ज की
हिंसा के दौरान, दंगाइयों ने न केवल पुलिसकर्मियों को निशाना बनाया, बल्कि दर्जनों वाहनों को भी आग के हवाले कर दिया। साथ ही, पथराव और पेट्रोल बमों से शहर की सड़कों पर जमकर तोड़फोड़ हुई। इस पूरे घटनाक्रम ने नागपुर शहर में एक बड़ी सुरक्षा चुनौती खड़ी कर दी। हिंसा को काबू में करने के लिए पुलिस ने पांच एफआईआर दर्ज की हैं और कई अपराधियों को पकड़ने की कोशिश कर रही है।
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कर्फ्यू और कड़ी सुरक्षा नागपुर के संवेदनशील इलाकों में 2,000 सशस्त्र पुलिसकर्मी तैनात
हिंसा के बाद, नागपुर का माहौल तनावपूर्ण रहा, लेकिन स्थिति धीरे-धीरे शांत हो गई है। पुलिस प्रशासन ने शहर के संवेदनशील इलाकों में कर्फ्यू लगा दिया है, जिसमें कोतवाली, गणेशपेठ, तहसील, लकड़गंज, पांचपावली, शांत नगर, सक्करदरा, नंदनवन, इमामबाड़ा, यशोधरा नगर और कपिल नगर पुलिस थानों के अंतर्गत आने वाले इलाके शामिल हैं। इन इलाकों में 2,000 से अधिक सशस्त्र पुलिसकर्मियों को तैनात किया गया है, ताकि किसी भी प्रकार की नई हिंसा को रोका जा सके।
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दंगा नियंत्रण और गश्त अफवाहों को रोकने और शांति बनाए रखने के लिए पुलिस की कड़ी निगरानी
इसके अलावा, दंगा नियंत्रण पुलिस और त्वरित प्रतिक्रिया दल को एक डीसीपी-रैंक अधिकारी की अगुवाई में गश्त पर तैनात किया गया है। स्थिति को और भी नियंत्रित करने के लिए पुलिस प्रशासन ने सुनिश्चित किया है कि सभी संवेदनशील इलाकों में पूरी तरह से सुरक्षा व्यवस्था बनी रहे। प्रशासन ने यह भी सुनिश्चित किया है कि किसी प्रकार की अफवाह न फैलने पाए और लोग शांतिपूर्ण तरीके से अपनी दिनचर्या जारी रखें।
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नागपुर हिंसा पुलिस और प्रशासन की गहराई से जांच और सख्त कार्रवाई की योजना
यह घटना नागपुर के इतिहास में एक बड़ा मोड़ साबित हो सकती है, क्योंकि यह हिंसा न केवल पुलिस बल के खिलाफ थी, बल्कि समाज के विभिन्न वर्गों के बीच तनाव और असहमति को भी उजागर करती है। नागपुर प्रशासन और पुलिस अब इस हिंसा के कारणों की गहराई से जांच करने और अपराधियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने की योजना बना रहे हैं, ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोका जा सके।
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