वायनाड भूस्खलनों में, वेल्लारीमाला पहाड़ियों का वह भाग जो सबसे ज्यादा प्रभावित हुआ है, वह पर्वत श्रृंखला का हिस्सा है जिसे ‘कैमल हंप’ पर्वत श्रृंखला के नाम से जाना जाता है। इस पूरे क्षेत्र को भूस्खलन संभावित क्षेत्र के रूप में वर्गीकृत किया गया है, लेकिन यहां निरंतर निर्माण गतिविधियाँ चल रही हैं।
Also read:कोचिंग संस्थानों को रेगुलेट करने के लिए कानून लाएगी दिल्ली सरकार
वायनाड भूस्खलन: उठे कई सवाल
केरल के वायनाड में हुए भयंकर भूस्खलन के लिए जिम्मेदार कौन है? क्या इसे केवल प्राकृतिक आपदा कहना उचित होगा? क्या इस प्राकृतिक आपदा को आमंत्रित करने में इंसानों की भूमिका नहीं है? यह सवाल इसलिए उठता है क्योंकि वायनाड में जिन क्षेत्रों में भूस्खलन हुआ, वहां इंसानी बस्तियों का होना ही नहीं चाहिए था।
Also read:Rahul Dravid ditched business class to sleep in the economy class
निर्माण और पर्यटन के बीच संतुलन का संकट
भूस्खलन वाला पूरा क्षेत्र लैंडस्लाइड जोन में आता है। इसके बावजूद, पिछले दो दशकों में पर्यटन बूम ने अंधाधुंध निर्माण को बढ़ावा दिया है, जिससे पारिस्थितिकी पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ा है। अब भूस्खलन वाले क्षेत्र के पास प्रस्तावित 2 हजार करोड़ की सुरंग पर सवाल उठ रहे हैं। वायनाड में भूस्खलन से मरने वालों की संख्या 159 हो गई है, जबकि 90 से अधिक लोग लापता हैं।
More Stories
NEP Row Pradhan Urges Stalin to Rise Above Politics
Powerlifter Yashtika Acharya, 17, Dies in Training Accident
संभल हिंसा: 208 आरोपियों के खिलाफ 4175 पन्नों की चार्जशीट दाखिल