जम्मू-कश्मीर के राजौरी में बुधवार दोपहर LoC के पास सेना की गाड़ी पर आतंकी हमला हुआ । यह हमला सुंदरबनी इलाके के फाल गांव में हुआ।
अधिकारियों के अनुसार, सेना का वाहन आतंकियों के इलाके से गुजरते समय जंगल में छिपे आतंकियों ने हमला किया।
उन्होंने बताया कि इस हमले में किसी भी जवान के घायल होने की खबर नहीं है। पूरे क्षेत्र को घेर लिया गया है और अतिरिक्त बल को मौके पर भेजा गया है। आतंकियों के खिलाफ सर्च ऑपरेशन जारी है। अधिकारियों के अनुसार, यह इलाका आतंकियों की घुसपैठ का पारंपरिक मार्ग माना जाता है।
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30 जनवरी को LoC से घुसपैठ करते हुए मारे गए थे आतंकी
30 जनवरी को भी कश्मीर के पुंछ में आतंकियों ने LoC से घुसपैठ की कोशिश की थी। सुरक्षाबलों ने घुसपैठ को नाकाम कर 2 आतंकियों को मार गिराया था। सुरक्षाबलों ने घुसपैठ कर रहे आतंकियों को जब रोका तो उन्होंने फायरिंग शुरू कर दी। जवाबी कार्रवाई में दो आतंकी मारे गए थे।
हालांकि एक आतंकी पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (PoK) में भाग गया था। जम्मू के सिक्योरिटी स्पोक्सपर्सन ने बताया कि घटना देर शाम की है। आतंकी पुंछ जिले के खारी करमारा इलाके में घुसपैठ की कोशिश कर रहे थे।
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जम्मू में जैश और लश्कर का 20 साल पुराना नेटवर्क एक्टिव
जम्मू रीजन में सेना द्वारा 20 साल पहले पाकिस्तान समर्थित आतंकी संगठनों जैश-ए-मोहम्मद और लश्कर-ए-तैयबा के लोकल नेटवर्क को निष्क्रिय किए जाने के बाद, अब वह पूरी ताकत से फिर सक्रिय हो गया है। पहले ये नेटवर्क आतंकियों का सामान ढोने का काम करता था, लेकिन अब वे गांवों में ही आतंकियों को हथियार, गोला-बारूद और खाने-पीने की सामग्री प्रदान कर रहे हैं।
पिछले दिसंबर में 25 संदिग्धों को हिरासत में लिया गया था। पूछताछ में उन्होंने बताया कि यह लोकल नेटवर्क जम्मू के 10 जिलों में से नौ जिलों—राजौरी, पुंछ, रियासी, ऊधमपुर, कठुआ, डोडा, किश्तवाड़, जम्मू और रामबन—में फैल चुका है।
जम्मू-कश्मीर के पूर्व DGP एसपी वैद्य के अनुसार, आर्टिकल 370 हटने के बाद से पाकिस्तान की सेना और ISI ने जम्मू को निशाना बनाना शुरू कर दिया था। उन्होंने पिछले 2 सालों में इस नेटवर्क को फिर से सक्रिय किया। इसी नेटवर्क की सहायता से आतंकियों ने 2020 में पुंछ और राजौरी में सेना पर बड़े हमले किए, और बाद में ऊधमपुर, रियासी, डोडा और कठुआ को भी अपने निशाने पर लिया।
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