कानपुर रोड पर एलिवेटेड रोड का निर्माण चल रहा है। बुधवार दोपहर, क्रेन से शिफ्टिंग के दौरान एक हाईटेंशन लाइन का पोल नीचे खड़ी शिक्षिका की कार पर गिर गया, जिससे कार पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो गई। सौभाग्य से, उस समय शिक्षिका नीलम माया कार में नहीं थीं, जिससे एक बड़ी दुर्घटना टल गई। घटना के बाद एनएचएआई के परियोजना निदेशक सौरभ चौरसिया मौके पर पहुंचे। मामले की गंभीरता को देखते हुए एनएचएआई ने कंसल्टेंट टीम के लीडर और रोड सेफ्टी एक्सपर्ट को काम से हटा दिया। साथ ही, निर्माण कार्य करवा रही पीएनसी कंपनी को सुरक्षा मानकों का पालन करने तक काम रोकने का निर्देश दिया गया है।
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कानपुर : निर्माण कार्य में सुरक्षा में लापरवाही जारी
यह पहली बार नहीं है जब निर्माण के दौरान सुरक्षा में चूक की गई हो। इससे पहले भी कई हादसे हो चुके हैं, लेकिन निर्माण में लगी थीन इंजीनियरिंग, टीएनसी, और आरवांस कंपनियों ने इसे गंभीरता से नहीं लिया। परियोजना निदेशक के अनुसार, इन तीनों कंपनियों को नोटिस जारी किया गया है। एनएचएआई के कंसल्टेंट के निलंबित टीम लीडर की फर्म को ब्लैकलिस्ट कर दिया गया है, और अन्य की भूमिका की जांच जारी है।
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एलिवेटेड रोड निर्माण के दौरान पोल गिरने से हादसा
पीएनसी कंपनी सरोजनीनगर और बंथरा इलाके में कानपुर एलिवेटेड रोड का निर्माण कर रही है। बुधवार को पीएनसी और यूपीपीसीएल हीरालाल यादव लॉ कॉलेज के पास 1,25,000 वोल्टेज की बाधक लाइन के खंभे को शिफ्ट कर रहे थे। कॉलेज की शिक्षिका नीलम माया ने रोज की तरह अपनी कार कॉलेज के गेट के पास खड़ी की थी, लेकिन निर्माण में लगे कर्मचारियों ने उन्हें कोई चेतावनी नहीं दी। करीब 11:45 बजे शिफ्टिंग के दौरान क्रेन का वायर टूट गया, जिससे भारी पोल उनकी कार पर गिर गया। हादसे के बाद कर्मचारियों और राहगीरों के बीच अफरातफरी मच गई, और कई राहगीर बाल-बाल बच गए।
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हादसे के बाद लोगों का हंगामा, पीएनसी कंपनी ने किया समझौता
हादसे की खबर मिलते ही बड़ी संख्या में राहगीर, कॉलेज के शिक्षक और छात्र मौके पर इकट्ठा हो गए। उन्होंने पीएनसी कंपनी पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए विरोध प्रदर्शन किया, जिससे कानपुर से लखनऊ जाने वाली रोड की एक पटरी पर जाम लग गया। पुलिस ने हस्तक्षेप कर स्थिति को शांत किया। बाद में पीएनसी अधिकारियों ने शिक्षिका नीलम माया को आर्थिक मदद देकर मामले में सुलह कर ली।
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