भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने बयान जारी कर बताया कि म्यांमार के मेंडले और सेगेंग शहरों में बुनियादी ढांचे को गंभीर क्षति पहुंची है. मेंडले के प्रमुख स्थलों, जैसे स्काइ विला, फेयानी पेगोडा, महामुनि पेगोडा, आनंद पेगोडा, मेंडले यूनिवर्सिटी और अन्य कई स्थानों को आंशिक से अधिक नुकसान हुआ है. इसरो ने CARTOSAT-3 सैटेलाइट से ली गई कुछ तस्वीरें जारी की हैं, जिनमें 28 मार्च को आए विनाशकारी भूकंप के बाद की तबाही स्पष्ट रूप से देखी जा सकती है. यह भूकंप भारी नुकसान का कारण बना, जिसमें हजारों लोगों की जान चली गई. 29 मार्च को ली गई इन उपग्रह तस्वीरों में मेंडले और सेगेंग के कुछ प्रभावित हिस्सों को दर्शाया गया है.
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कार्टोसेट-3 उपग्रह की तस्वीरों में भूकंप की भयावहता उजागर
इसरो के उपग्रह कार्टोसेट-3 ने 18 मार्च को भी इन इलाकों की तस्वीरें लीं थी और 29 मार्च को ली गईं तस्वीरों में भूकंप की भयावहता देखी जा सकती है. कार्टोसेट-3 तीसरी पीढ़ी का आधुनिक उपग्रह है, जो जमीन पर हाई रेजोल्यूशन वाली तस्वीरें लेने में सक्षम है. इसरो ने एक बयान में कहा है कि ‘मेंडले और सेगेंग शहर में बुनियादी ढांचे को भारी नुकसान हुआ है. मेंडले में प्रमुख स्थल जैसे स्काइ विला, फेयानी पेगोडा, महामुनि पेगोडा और आनंद पेगोडा, मेंडले यूनिवर्सिटी और कई अन्य स्थानों को थोड़े से ज्यादा नुकसान हुआ है. सेगेंग शहर में मा शी खाना पेगोडा समेत कई अन्य मोनेस्ट्रीज और अन्य इमारतों को भी भारी नुकसान हुआ है.’
भूकंप से एवा पुल का ढहना और जमीन में दरारें
इसरो की तस्वीरों से पता चला है कि भूकंप से म्यांमार के इन वा शहर में इरावेडी नदी पर बना ऐतिहासिक एवा पुल पूरी तरह से तबाह हो गया है. इरावेडी नदी के बाढ़ के मैदानों में भूकंप से जमीन में दरार भी आई है. म्यांमार में 28 मार्च को 7.7 तीव्रता के भूकंप के झटके लगे थे. इसके बाद 6.4 तीव्रता के भी झटके महसूस हुए. भूकंप का केंद्र मेंडले और सेगेंग शहरों की सीमा पर जमीन के 10 किलोमीटर भीतर था. भूकंप के चलते बुनियादी ढांचे, सड़कें और रिहायशी इमारतों को भारी नुकसान हुआ. भूकंप के झटके न सिर्फ म्यांमार बल्कि पड़ोसी देशों में भी महसूस किए गए। थाईलैंड का चियांग मेई शहर में भी इस भूकंप के चलते काफी नुकसान हुआ.
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